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मैं अनपढ़ होती तो,शब्दों को कैसे पिरोती |हिंदी कविता |Woman thinking Hindi poem

Am a villager - 

                खूबसूरती के मोहताज़ में 
               एक दिन चेहरा पिला होगा,
               ढ़लती उम्र के एक दौर में,
                चेहरा पिला पड़ जायेगा,
             जीवित जीवन बचेगा किसमे,
             शब्दों में,शब्द अमर होते हैं,
        गर अनपढ़ होती मैं,जीवन कैसे जीती,
   होते मेरे पास वर्ण,उनको शब्दों में कैसे पिरोती,
         जीवन शब्दों में कैसे जीवित रहता। 
 


।। आभार ।।

               

  
                                
                              ➡️आजादी को प्यारे पँछी






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