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Natural beauty leafs

Natural beauty Natural beauty is a unique concept because it is the first thought that comes to your mind as soon as its name comes. In fact, you can see the beauty of nature in every form, just what we need to feel. This photo is from the plant of Sugar-apple , I did not think that it would look something like this in my camera. www.amavillager.blogspot.com www.amavillager.blogspot.com www.amavillager.blogspot.com Earning photography something ne Follow me on instagram ➡️ SIDHINATH TEMPLE JODHPUR ➡️ KAYALANA LAKE JODHPUR RAJASTHAN

Kaylana lake jodhpur rajsthan pictures

कायलाना झील जोधपुर राजस्थान कायलाना झील जोधपुर मैं अपना अद्भुत नजारा लिए हुए ऐतिहासिक काल से स्थित हैं । कई पौरोणिक मान्यताए बताई जाती हैं इसके इतिहास के बारे में । यह सिद्धिनाथ महादेव मंदिर के पास स्थित हैं। www.amavillager.blogspot.com www.amavillager.blogspot.com www.amavillager.blogspot.com www.Amavillager.blogspot.com Earning photography something new Follow me on instagram ➡️ SIDHINATH TEMPLE JODHPUR ➡️ NATURAL BEAUTY PHOTOGRAPHY

मेरे गांव में शिक्षा के आयाम

आज के समय में शिक्षा के बिना कुछ भी संभव नहीं है ओर अब शिक्षा के आयाम भी बदल रहे है । टेक्नोलोजी ओर कम्प्यूटर के साथ शिक्षा के बदलते रूप नजर आ रहें है ओर आने भी चाहिये। में यहाँ बालिका शिक्षा पर थोड़ा सा ध्यान देना चाहूंगी मेरे गांव में बालिका शिक्षा》 मेरे गांव में बालक-बालिकाओं  को एक समान ही महत्व दिया जाता हैं, ओर सभी शिक्षित जानते हैं की आज के समय में बेटा बेटी एक समान है । पर है तो गाँव ही ओर गांव में लोगों कि सोच कही ना कही पीछे ही है पर वो अपने आप को सही ठहराते है।  उनको लगता हैं लड़की को सेकेंडरी करवा दी तो बहुत हैं, किन्हीं को लगता हैं सीनियर सेकेंडरी ही बहुत हैं ओर यह भी सच है की कुछ तो लड़की को पढ़ाना भी जरूरी नहीं समझते । अब बात शिक्षित परिवार की यहाँ पर यह सबसे बड़ा सच हैं की यहाँ पर लड़की की शिक्षा पर ध्यान दिया जायेगा, परिवार में बेटी को  बेटे के जितना ही समान दिया जाता है। सीनियर सेकेंडरी के बाद कॉलेज में  ग्रैजुएट की डिग्री करवाते है ।पर मध्यम परिवार में यह इतना आसान नहीं हो पाता ,लड़के को शहर भेज दिया जाता हैं आगे की पढ़ाई के लिये ओर हमारे गाँव म...

गांव में त्योहार

गांव में त्योहार का सबसे ज्यादा महत्व होता है। गांव में पौराणिक मान्यताएँ रीति रिवाज आज भी चलन में हैं । आज के डिजिटल युग के साथ गांव भी प्रगति कर रहा है। भारतीय संस्कृति अपको आज भी गांव में लम्बे समय से सहेजी हुई मिल जायेगी।। जब त्योहार आते है तो हमारे गांव में पहले से ही उनके आने का उलास मन में रहता है, हमारे यहाँ अधिक संयुक्त परिवार है पर अब धीरे-धीरे काम की ओर पलायन करने से एकल परिवार का चलन बढ़ रहा है । त्योहार ही एसा अवसर होता है जहाँ सब मिलते हैं एक साथ आते हैं उस समय अपनापन नजर आता है । आप गांव में आओ तो सबसे पहले अपको यहाँ अपनापन जरूर नजर आयेगा। हमारे यहाँ त्योहार  छोटी तीज से आरम्भ हो जाते हैं ओर गनगोर तक चलते हैं, हाँ राजस्थान में बरसात के आरम्भ से ओर पानी के समाप्त होने तक त्योहार चलते हैं।  हमारे गांव में त्योहार आने से पहले ही उनके तैयारी,घर की रंगाई पुताई,साज सजावट ओर खरीदारी होती हैं । किशान अपनी फसलें बेचकर त्योहार की तैयारियों में जूट जाता है ओर व्यापारी  अपने दुकानों की रँगाई पुताई करवाकर त्योहार के आगमन का स्वागत करते हैं । देश की संस्कृति, पर...

गाँव में पहली बारीश

भारत एक कृषि प्रधान देश है और भारतीय संसकृति गाँव में लम्बे समय से सहेजी हुई मिल जायेगी। जब गाँव में पहली बरसात होती हैं तब पुरे गांव मे खुशी का माहोल एक अलग सी रौनकें  सब के मुंह पर एक ही बात सबका मिलना बेठ्ना ओर बरसात का जायका लेना,हा इसे दिवाली के त्योहार जितना ही खास मान सकते हैं,क्योकी एक किशान के लिये बारिश के मौसम से बढकर ओर कौनसा त्योहार हो सकता है । बरसात का असली आन्नद ओर महत्व किशान से बढकर कोई नही समझ सकता। आज हमारे गाँव में पहली बारिश हुई है। ओर अब खेत जूतेन्गे, बीज बोये जायेंगे ओर चारो तरफ हरियाली होगी । और एक अलग सी खुशी काम करने के जूनून के साथ । ओर खासकर उस किशान की खुशी जिससे वो इस साल अपने ओर अपने पुरे परिवार की जरूरते हंसते हंसते पूरी कर पायेगा । धन्यवाद  मेरा यह छोटा सा आलेख पढने के लिये   मुझे गर्व है की मे भारत के एक गांव से हूँ । amavillager.blogspot.com