गांव में त्योहार का सबसे ज्यादा महत्व होता है। गांव में पौराणिक मान्यताएँ रीति रिवाज आज भी चलन में हैं ।
आज के डिजिटल युग के साथ गांव भी प्रगति कर रहा है। भारतीय संस्कृति अपको आज भी गांव में लम्बे समय से सहेजी हुई मिल जायेगी।।
जब त्योहार आते है तो हमारे गांव में पहले से ही उनके आने का उलास मन में रहता है, हमारे यहाँ अधिक
संयुक्त परिवार है पर अब धीरे-धीरे काम की ओर पलायन करने से एकल परिवार का चलन बढ़ रहा है ।
त्योहार ही एसा अवसर होता है जहाँ सब मिलते हैं एक साथ आते हैं उस समय अपनापन नजर आता है ।
आप गांव में आओ तो सबसे पहले अपको यहाँ अपनापन जरूर नजर आयेगा।
हमारे यहाँ त्योहार छोटी तीज से आरम्भ हो जाते हैं ओर गनगोर तक चलते हैं, हाँ राजस्थान में बरसात के आरम्भ से ओर पानी के समाप्त होने तक त्योहार चलते हैं।
हमारे गांव में त्योहार आने से पहले ही उनके तैयारी,घर की रंगाई पुताई,साज सजावट ओर खरीदारी होती हैं । किशान अपनी फसलें बेचकर त्योहार की तैयारियों में जूट जाता है ओर व्यापारी अपने दुकानों की रँगाई पुताई करवाकर त्योहार के आगमन का स्वागत करते हैं ।
देश की संस्कृति, परम्पराएं ओर पौराणिक रिति रिवाज त्योहार शादी ब्याह में झलकते हैं ।
यहाँ एकता भाईचारा ओर संगठन में ही शक्ति है नजर आता हैं ।
धन्यवाद
मुझे गर्व है की में भारत के गांव से हूँ ।
amavillager.blogspot.com
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